रक्तदान महादान! रक्तदान कीजिए जीवनदान दीजिए!

आज आप रक्तदाता है, हो सकता है कल आप रक्तग्राही हों।
रक्तदान कर अपना एवं अपनों का जीवन सुरक्षित करें।

रक्तदान के लाभ

रक्तदान के तुरन्त बाद ही नई लाल कोशिकाए बनने से शरीर में स्फूर्ति पैदा होती है।

रक्तदान करते रहने से हृदय रोग में ५ प्रतिशत् की कमी तथा अस्थिमज्जा लगातार क्रियाशील रहती है। रक्त द्वारा संक्रमित होने वाली बीमारियों की स्वतः जॉच हो जाती है।

आवश्यकता पड़ने पर डोनर कार्ड के बदले रक्तकोश से रक्त मिल जाता है।

१ यूनिट ब्लड से कई प्रकार के ब्लड कम्पोनेंट बनाकर कई मरीजों को जीवनदान दिया जा सकता है।

रक्तदान कौन कर सकता है।

रक्तदान महादान! रक्तदान कीजिए जीवनदान दीजिए!

प्रत्येक स्वस्थ महिला और पुरूष जिसका वजन ४५ कि० ग्राम से ऊपर तथा उम्र १८ से ५५ वर्ष के मध्य हो।

किसी बीमारी से ग्रस्त न हो और हीमोगलोबिन १२.५ मि०ग्रा० प्रतिशत से कम न हो।

रक्तदान से पूर्व चिकित्सक द्वारा रक्तदाता की जॉच होती है।

रक्तदान में मात्र ५ से १० मिनट ही लगते है। और पुनः रक्तदान ३ माह के बाद किया जा सकता है

एक बार में सामान्यतया ३५० मि०ली रक्त लिया जाता है जिसकी पूर्ति शीघ्र हो जाती है।

रक्तदान हेतु अस्थायी अयोग्यता और अवधि

रक्तदान महादान! रक्तदान कीजिए जीवनदान दीजिए!

गर्भपात के ६ माह तक। प्रसव, टाइफाइड बुखार, मलेरिया, टैटू मार्क गोदना, वैक्सीनेशन, पीलिया और हीमोग्लोबिन टीका के एक वर्ष के बाद रक्तदान सम्भव हैं।

कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, हेपेटाइटिस बी, एच०आई०वी०, गुर्दा, यकृत, क्षय(टी०वी०), लाल रक्त कोशिकाओं की बीमारी और अज्ञात कारणों से वजन घटने के रोगी रक्तदान नहीं कर सकते है।

रक्तदान करने से लाभ

रक्तदान महादान! रक्तदान कीजिए जीवनदान दीजिए!

रक्तदान के तुरन्त बाद ही नई लाल कोशिकाए बनने से शरीर में स्फूर्ति पैदा होती है।

रक्तदान करते रहने से हृदय रोग में ५ प्रतिशत् की कमी आ जाती है।

अस्थिमज्जा लगातार क्रियाशील बनी रहती है।

रक्त द्वारा संक्रमित होने वाली बीमारियों की स्वतः जॉच हो जाती है।

आवश्यकता पड़ने पर डोनर कार्ड के बदले रक्तकोष से रक्त मिल जाता है।

१ यूनिट ब्लड से कई प्रकार के ब्लड कम्पोनेंट बनाकर कई मरीजों को जीवनदान दिया जा सकता है।

रक्तदान कौन कर सकता है।

रक्तदान महादान! रक्तदान कीजिए जीवनदान दीजिए!

प्रत्येक स्वस्थ महिला और पुरूष जिसकी आयु १८ से ६५ से अधिक न हो।

उसका वजन ४५ कि०ग्रा० से कम न हो।

हीमोग्लोबिन १२.५ मि०ग्रा० प्रतिशत से कम न हो।

किसी बीमारी से ग्रस्त न हो।

रक्तदान से पूर्व चिकित्सक द्वारा रक्तदाता की जॉच की जाती है। तथा उपयुक्त पाये जाने पर ही रक्तदान करवाया जाता है।

स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन माह के अन्तराल पर रक्तदान कर सकता है।

एक बार रक्तदान करने में मात्र ५ से २० मिनट का समय लगता है।

रक्तदान हेतु अस्थायी अयोग्यता

रक्तदान महादान! रक्तदान कीजिए जीवनदान दीजिए!

शरीर के किसी अंग का कैंसर।

हृदय सम्बन्धी रोग।

अज्ञात कारणों से वजन का घटना।

इन्सुलिन पर निर्भर डायबिटिज।

हेपेटाइटिस बी का संक्रमण।

एच०आई०वी० का संक्रमण।

गुर्दे की गम्भीर बीमारी।

यकृत सम्बंधी बीमारी।

क्षय रोग (टी०बी०)।

लाल रक्त कोशिकाओं की बीमारी।

टैटू मार्क गोदना, वैक्सीनेशन, पीलिया और हीमोग्लोबिन टीका के एक वर्ष के बाद रक्तदान सम्भव हैं।

कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, हेपेटाइटिस बी, एच०आई०वी०, गुर्दा, यकृत, क्शय(टी०वी०), लाल रक्त कोषिकाओं की बीमारी और अज्ञात कारणों से वनज घटने के रोगी रक्तदान नहीं कर सकते है।

रक्तदान हेतु अस्थायी अयोग्यता

रक्तदान महादान! रक्तदान कीजिए जीवनदान दीजिए!

कारण

अयोग्यता की अवधि

१. गर्भपात १. ६ माह तक
२. प्रसव २. प्रसव से 1 वर्ष तक
३. टायफाइड बुखार ३. ठीक होने से 1 वर्ष तक
४. मलेरिया ४. ठीक होने से 1 वर्ष तक
५. टैटू मार्क (गोदना) ५. गोदना करवाने से 1 वर्ष
६. वैक्सीनेशन ६. वैक्सीनेशन से 1 वर्ष तक
७. रैबीज वैक्सीनेशन ७. वैक्सीनेशन से 1 वर्ष तक
८. पीलिया ८. ठीक होने से 1 वर्ष तक
९. इम्यूनोग्लोबिन का टीका ९. लेने से 1 वर्ष तक
१०. रक्त या इसका उत्पाद लेने का कारण १०. लेने से छः माह तक